“अहिर्निश सेवामहे” अर्थात निरंतर सेवा भाव बनाये रखना, को अपना बोध वाक्य बनाकर अब से कोई 85 वर्ष पूर्व 19 अक्टूबर 1934 को विजयादशमी जैसे महापर्व पर हमारे तत्कालीन दूरदर्शी पित्र पुरुषों त्रिमूर्ति स्वर्गीय ठाकुर रणबहादुर सिंह जी चौहान संस्थापक प्रधानाध्यापक व उनके दो सहयोगी उत्साही शिष्यों स्वर्गीय ठाकुर स्वरूप सिंह जी चुंडावत ठिकाना ज्ञानगढ़ एवं कीर्ति शेष ठाकुर साहब मनोहर सिंह जी झाला ठिकाना ताणा के सदप्रयासों से संस्था के इसी प्राचीन भवन के ऐतिहासिक सभागार में 37 सदस्यों की उपस्थिति में अपनी महती प्रवृति ओल्ड बॉयज एसोसिएशन, भूपाल नोबल्स स्कूल के नाम से गठित होकर पूर्ण उत्साह उल्लास से शुभारंभ हुई थी।